Feb 22, 2024

दुष्यंत कुमार की 10 गजलें

Dushyant Kumar: Hindi Poet

दुष्यंत कुमार की गजलें 


 मैं जिसे ओढ़ता बिछाता हूँ 


मैं जिसे ओढ़ता बिछाता हूँ 

वो ग़ज़ल आप को सुनाता हूँ 

एक जंगल है तेरी आँखों में 

मैं जहाँ राह भूल जाता हूँ 

तू किसी रेल सी गुज़रती है 

मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ 

Feb 18, 2024

Thakur Ka Kuan (Hindi Story) : Munshi Premchand

 ठाकुर का कुआँ (कहानी) : मुंशी प्रेमचंद

Thakur Ka Kuan (Hindi Story) : Munshi Premchand

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जोखू ने लोटा मुँह से लगाया तो पानी में सख्त बदबू आयी । गंगी से बोला- यह कैसा पानी है ? मारे बास के पिया नहीं जाता । गला सूखा जा रहा है और तू सड़ा पानी पिलाये देती है !

गंगी प्रतिदिन शाम पानी

जो खानदानी रईस हैं वो : गज़ल

 जो खानदानी रईस हैं वो / गज़ल / शबीना अदीब

 ख़ामोश लब हैं झुकी हैं पलकें, दिलों में उल्फ़त नई-नई है,

अभी तक़ल्लुफ़ है गुफ़्तगू में, अभी मोहब्बत नई-नई है।


अभी न आएँगी नींद तुमको,